Virus Attack in India : अनजाने मैसेज-Email आएंं तो मत करें Click, दुनिया भर में नए तरह के Virus का हमला
अनजाने नाम से कोई मेल या मैसेज आए तो खबरदार! उसे Click न करें. यह एक तरह का Virus/Malware हो सकता है. Cyber सुरक्षा एजेंसियों ने दुनियाभर में इस Virus के हमले के बाद अलर्ट किया है.
इस वायरस के बारें में अलर्ट करने के लिए कई प्राइवेट कंपनियों ने अपने वर्कर्स को E-Mail भेजा है.
इस वायरस के बारें में अलर्ट करने के लिए कई प्राइवेट कंपनियों ने अपने वर्कर्स को E-Mail भेजा है.
अनजाने नाम से कोई मेल या मैसेज आए तो खबरदार! उसे Click न करें. यह एक तरह का Virus/Malware हो सकता है. Cyber सुरक्षा एजेंसियों ने दुनियाभर में इस Virus के हमले के बाद अलर्ट किया है. Ransomware में इतनी ताकत है कि वह आपके अपने Laptop, Mobile पर से आपका कंट्रोल खत्म कर सकता है. यानि आप कुछ भी Access नहीं कर पाएंगे. इस वायरस के बारें में अलर्ट करने के लिए कई प्राइवेट कंपनियों ने अपने वर्कर्स को E-Mail भेजा है.
कैसे पहुंचा रहा नुकसान
Windows में एक्सेस रोक देगा.
File को Encrypt कर देगा ताकि आप उसे इस्तेमाल न कर पाएं.
कुछ ऐप चलने से रोक देगा.
ऑनलाइन पेमेंट (Online Payment) का लिंक भेजकर एक्सेस देने की बात कह रहा है.
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Banjo, Repter अलग तरह का Virus है. यह Ransomware का नया वैरिएंट है. जिस सिस्टम पर इसका अटैक होता है, वहां फाइल, ऐप एक्सेस करने के लिए Payment मांगा जाता है.
मसलन "1.jpg" अगर किसी फाइल का ओरिजिनल नाम है तो एन्क्रिप्शन के बाद कुछ इसी तरह दिखाई देगी."1.jpg.EMAIL = [repter@tuta.io] ID = [D45850C4] .repter" या फिर "1.jpg" फ़ाइल का नाम बदलकर "1.jpg.id" [C279F23-30-3069]। [Mutud@airmail.cc] .banjo "," 2.jpg "से" 2.jpg ".id C279F237-3069]। [mutud@airmail.cc] .banjo " कर देगा.
इसीलिए, अपने पीसी को वायरस से बचाने के लिए ये सावधानियों बरतें
- अपने डेटा का बैकअप लें. होम यूजर्स को एक बैकअप बनाना चाहिए, डिवाइस को डिस्कनेक्ट करना चाहिए और इसे सुरक्षित जगर पर सेव करना चाहिए.
- रैनसमवेयर हमलों को पहचानें क्योंकि यह फिशिंग ई-मेल्स से शुरू होता है. जिसके लिए, Awareness जरूरी है.
- हरेक 10 ई-मेल में से कम से कम एक अटैक कर देगा.
कैसे हमला करता है वायरस
जब यूजर के डिवाइस पर मालवेयर से हमला किया जाता है, तो यह अपने आइकॉन को ऐप ड्रॉअर से छिपा लेता है. इसके बाद यह खुद को नकली गूगल अपडेट के रूप में सामने लाता है. जैसे ही अपडेट के लिये यूजर ok कर देता है, फिर यह डिवाइस में किसी भी तरह के दखल के बिना अपना काम करता है.
ये जानकारी चुराता है
सुरक्षा एजेंसी ने कहा कि इस मालवेयर की मदद से हमलावर कीपैड (Keypad) को काम करने से रोकने, यूजर के कॉन्टेक्ट सूची और मैसेज को स्कैन करने, मालवेयर को डिफॉल्ट SMS जरिया बनाने, नोटिफिकेशन को कमांड एंड कंट्रोल सर्वर में धकेलने, यूजर को होम स्क्रीन तक ही सीमित कर देने और नोटिफिकेशन को छिपाकर जानकारियां चुराने, स्पैम भेजने, SMS के मैसेज चुराने समेत कई अन्य प्रकार के कमांड दे सकता है.
कैसे बचें
सुरक्षा एजेंसी के मुताबिक वायरस इस कारण भी और घातक हो जाता है, क्योंकि यह अधिकांश एंटी-वायरस (Anti-virus) को धोखा दे सकता है.
अज्ञात स्रोतों से ऐप को डाउनलोड या इंस्टॉल न करें, जाने-पहचाने ऐप स्टोर का ही इस्तेमाल करें, ऐप की विस्तृत जानकारियां जैसे डाउनलोड की संख्या, यूजर रीव्यू आदि हमेशा देखें.
इसके अलावा एक्सटर्नल SD कार्ड को इनक्रिप्ट करने के लिये डिवाइस के इनक्रिप्शन का इस्तेमाल करें और बाहरी Wifi नेटवर्क आदि का इस्तेमाल न करें.
अगर बैंकिंग ऐप इंस्टॉल करने जा रहे हों तो पहले जांच लें. डिवाइस में AI से लैस मजबूत एंटीवायरस मौजूद होना चाहिए.
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04:54 PM IST